संता अपने खेतों पर गया हुआ था। वहां कुंए की जगत पर बैठे एक मेंढ़क से उसकी बहस हो गई।
मेंढ़क – तुम्हारे पास दिमाग नहीं है ।
संता – है ।
मेंढ़क – नहीं है ।
संता – है ।
मेंढ़क – नहीं है, नहीं है, नहीं है …..
और इतना कहकर मेंढ़क कुंए में कूदगया ।
संता – अरे नहीं है तो नहीं है परइसमें खुदकुशी करने वाली क्या बात थी ……


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