बस आख़री साँस बाकी है ,, तुम आती हो या मैं ले लूँ…
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
सब मशरूफ थे नया साल मनाने में मैंने मेरी रूठी खुशियों को मना लिया..
मैं बुरा हूँ तो बुरा ही सही… …. कम से कम “शराफत” का दिखावा तो नहीं करता
साथ चलता है मेरे दुआओ का काफिला . किसमत से कह दो अकेला नही हुँ मै
ღ अरे पगली मे तो तुझे तब से चाहता हुं., जब से तू School में दों चोटीया बांध कर आती Continue Reading..
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं
ज़िंदगी whats app के last seen जैसी है, सब को अपनी छिपानी है,दूसरो की देखनी है.
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