~Umar Bhar Rahugi Gulam Haii Koi Jo Us Sa Mila De .. ‘
हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन, तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता…
बहुत दिन हो गए ‘मुहब्बत’ लफ्ज़ सुन सुनकर मुझे…. कल ‘बेवफ़ा’ सुना तो तरी बहुत याद आई मुझे….
खेलने दो उन्हें जब तक जी न भर जाए उनका.,…, मोहब्बत 4 दिन की थी तो शौक कितने दिन का Continue Reading..
बहुत अकेला कर दिया है मेरे अपनो ने मुझे, समझ नहीं आता कि मैं बुरा हूँ या मेरी किस्मत.
जरा तो शर्म करती तू पगली. मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.
मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो .. मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.
कमाल की तक़दीर पाई होगी उस शॅक्स ने जिसने तुझसे मोहोब्बत भी ना की हो और तुझे पा लेगा..
कोई चेहरे का दीवाना, किसी को तन की तलब!! अदाएं पीछा करवाती हैं, मोहब्बत कौन करता है
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