दर्द आवाज छीन लेता है ओर खामोशी की कोई वजह नही होती
कहीं ज़िद पूरी, कहीं जरूरत भी अधूरी… कहीं सुगंध भी नहीं, कहीं पूरा जीवन कस्तूरी…!!
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
लोगो के तो दिन आते है पर . हमारा तो जमाना आएगा
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों, जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…
~Be’Bass Kar Diya Tu Ney Mujhey, Apney Bass Meiin Karke .. ‘
छोड़ना आसान होता है लेकिन भूलना नही
फ़िक्र तो तेरी आज भी है.. बस .. जिक्र का हक नही रहा।
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