फेसबुक पै फ्रैंड बणकै चैटिंग करया करदी … घणे दनां कि रिक्वैस्ट के बाद उसनै मेरे नंबर पै आज फोन करया …
अर वा बार बार अपणा नाम प्रिया बता री है अर या सुसरा true caller फोन की स्क्रीन पै Madan Lal Welder बता रया है … बेरा ना के रोला है …

फेक आई डी आली ऐंजलों थारी आवाज कितनीए छोरी बरगी हो भूल कै बी सामने आले तै फोन मत करिओ हो सकै उसनै true caller install कर राख्या हो .

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शादी के पहले दिन छोरा confuse हो रहा था कि
पत्नी से कैसे बात शुरू की जाये।
.
कमरे में पहुंचा, तो 5 मिनट के लिए तो दुल्हन के पास चुपचाप
बैठा रहा, उसके बाद धीरे से बोला:
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..
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“के नाम है तेरा ?” 😎😎
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दुल्हन शरमाते हुए बोली:😅
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“क्यों, कार्ड मे थारी बुआ का नाम लिखवाया था के ?

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पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “

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ब्रेकिंग न्यूज ::- आज शहर में एक दिल दहला देने वाली हृदय विदारक घटना घटित हुई …

कुछ व्यापारी एक जाने माने होटल में एक दोस्त के जन्म दिन की पार्टी में पीते हुए नाच कूद रहे थे …

तभी कोई आसामाजिक शरारती तत्व जोर से चिल्लाया …. मितरोंooo

ये सुनते ही दो व्यापारियों के हाथ से शराब का गिलास छूट गया एक व्यापारी को हार्ट अटैक आते आते बचा … फिर सब व्यापारी मुह लटका के बैठ गए … 😏😏😏

बस रै मितरों मैए … अर जे आग्गै भाइयोरबैनोंooo बी बोल देंदा तो के बन्दा थारा

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जो हरियाणा रोडवैज म नी लटका,,,
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उसनै घंटा नी बैरा रिस्क लैण का

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इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा : तुम्हारा नाम क्या है?
हरियाणवी : विजय दीनानाथ चौहान।
इंटरव्यू लेने वाला : लेकिन फॉर्म में तो
तुमने अपना नाम रामफल लिखा है?
हरियाणवी: फेर क्यों सुआद ले है?

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एक हरियाणा आले आदमी की कार के पीछे लिखी सुंदर लाइन 🚘
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देख के ओवरटेक करें
गाड़ी म लठ भी धरें हैं

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आज ताऊ जी गाम तै शहर आरे थे किसी काम तै , साथ मैं उनके तीन दोस्त और थे … काम निम्टा कै म्हारे तै मिलण आगे पापा घर ना थे मन्नैं इज्जत सत्कार तै बैठक मैं बिठाए …

थोड़ी हाण मैं माँ की अवाज आई रसोई मैं तै :- आइए बेट्टा …

मैं गया … माँ बोली :- रुह अफजा बणाई है , या जग अर एक गलास लेजा …

एक गलास … मैं थोड़ा हैरान हो कै बोल्या … चार गलासां मैं घाल दे ना माँ ट्रे मैं रखकै ले जांउगा …

ले कै जा … माँ नैं घुड़की मारी

बुरा सा मुंह बणाकै जग अर गलास ले कै गया …
ताऊ जी के जो दोस्त पहल्ड़े कान्नी बैठे थे … उन्तै गलास मैं घाल कै दिया रुह अफजा … पीकै उन्होनै फेर गलास आगै कर दिया … फेर एक … फेर एक

पूरा जग निम्टा दिया …

मैं रसोई मैं जाकै माँ तै बोल्या :- माँ या सारा जग तो एक ताऊ जी पी गए …

माँ मुस्करा कै बोली :- मन्नै पता था … बेट्टा गाम आले जब मेहनत करदे हाण नां शर्मांदे तो खाण पीण मैं बी वे गिण्ती ना करया करदे … मैं बी गाम की हूं … तेरे मामा हर कदे आवैंगे तो देखिए वे इनके बी ताऊ हैं … या दूसरा जग ले जा जब तक मैं तीसरा जग तयार करुं …

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happy – किमे ऐसी बात बता मेरी setting मन्ने छोड़ कै नही जावै….
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मैं (surbhi)- उसपै रपिए उधारे लेले

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एक घणी सुथरी छोरी किराने की दुकान पै जाकै बोल्ली :: लाला जी लिपटन की चा है के … 😗😗
लाला जी बोल्या :: ना बेब्बे चा पत्ती तो खतम होगी ,
थम के सोच्चो थे लाला के कवैगा … लुच्चे कट्ठे होरे बइमान … 😂😅😜
जो.इसका मतलब समज रे हैं वे तो मजे लेरे जिसनै ना समज आई वे किसे तै टैग कर कै पूछ ल्यो … लुच्चे तो घणे हैं .

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मुस्कला एक शायरी याद करी थी छोरी फ़सान ताई। अक “एक पल में जान, जिस्म से कैसे जुदा होती है” या बात मन्ने कही तो अपणि सोड म थी। पर मेरे बाब्बू न बेरा ना क्यूकर सुणगी
फेर बाब्बू न बताई कोहणि मार मार के अक एक पल म जान जिस्म से कैसे जुदा होती है। इतने भूंडे भी कोई मारया करे। …!!

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छोरी :- या लिपस्टिक कितने की है …?
दुकानदार :- सतरां रुपए की ,
छोरी :- ओ माई गॉड सैवन्टी … फिफ्टी रुपए लेदां हो तो बोल …?
दुकानदार :- सैवन्टी नि मैडम सैवनटीन सतरां रुपए ,
छोरी :- ओह सैवनटीन …. बारां रुपए लेले

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एक जाट की छोरी के ब्याह मैं फेरे
होण लाग रे
थे |
पण्डितआँख मींच क मंतर पढ़ क
बोल्या “ॐ गन गणपते नमह |
51 रुपे दक्षिणा समर्पियामी ”
नु कह क जाट त बोल्या धर 51 रुपे
गणेश जी प
| जाट ने 51 रुपे धर दिए |
फेर आँख मीच क और मन्त्र पढ़न लगगया |
थोड़ी हान पाछे फेर बोल्या “ॐ गन
गणपते
नमह |
101 रुपे दक्षिणा समर्पियामी ”
धरो 101 रुपे गणेश
जी प |
जाट ने 101 रुपे धर दिए | फेर आँख
मीच क और
मन्त्र पढ़न लगगया |
थोड़ी हान पाछे फेर बोल्या “ॐ गन गणपते
नमह |
151 रुपे दक्षिणा समर्पियामी ”
धरो 151 रुपे
गणेश
जी प | जाट ने 151 रुपे फेर धर दिए |
पण्डित आँख मीच क और मन्त्र पढ़न
लगगया | जाट नै सोची भी पंडित

कत्ती लूट क छोड़े गा |
इब के ने जाट ने गणेश जी की मूर्ति ठा क जेब में
रख
ली |
पंडित फेर बोल्या “ॐ गन गणपते
नमह |
201 रुपे दक्षिणा समर्पियामी ” धरो 201 रुपे
गणेश जी प अर
आँख
खोल क
देख्या; त गणेश जी गायब थे | पंडित
बोल्या –
चोधरी साहब ये गणेश जी कित गए
| जाट बोल्या – पंडित जी देश मे और
भी त ब्याह
सं
एकला मेरी बेटी काये थोडा स |
हो सके स किसे और के फेरां प चले
गए हों.

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खोल के बैठा था मैं दूकान इश्क की …
गौर फरमाइएगा ..
खोल के बैठा था मैं दूकान इश्क की ..
आंदी जांदी छोरियां तै आंख मांरू था
पर भाई ये साले दुनिया वाले … रोंडी पिंवैं … मैं छेत गेरया … उन छोरियां तै दिखाण खात्तर ..

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चौधरी से मेज़बान ने पूछा-
चौधरी जी क्या लेंगे आप, हलवा लाऊं या खीर??
चौधरी – घर में कटोरा एक ही है के??

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टीचर :- अच्छा इसका अंग्रेजी में अनुवाद करो … ” रामस्वरूप बिमार था परिणाम स्वरूप मर गया ”

पप्पी :- सर पहल्यां न्यु बताओ जब बिमार रामस्वरूप था तो परिणाम स्वरूप क्युकर मर गया … 😏

टीचर :- अरै बेकूफ रामस्वरूप बिमार था फलस्वरूप मर गया … 😬

पप्पी :- एल्ले ईब तीसरा मार दिया … जो बिमार है पहल्यां उसनै मारो सर जी फेर अनुवाद करुंगा … 😎

टीचर नै चाक का डब्बा बगा कै मारया बोल्या सुसरे तूं हिंदी सीख पहल्यां

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