एक बंदे नै मीट की दुकान खोली अर बाहर बोरड पै लिख दिया ….

यंहा बकरे का ताजा मीट मिलता है

एक आया बोल्या … भाई आसपास और बी मीट की दुकान है के … ?

कसाई बोल्या … नां तो …

बोल्या फेर यंहा क्यों लिख रख्या वातो दिक्खण लग रया …

कसाई नै यंहा मिटा दिया … रै ग्या बकरे का ताजा मीट मिलता है

फेर एक आया … मुर्गा मच्छी बी बेचे करै के

… ना भाई

फेर बकरे का क्यों लिख राख्या … वा तो दिक्खणे लाग रया

बकरे का मेट दिया … रै ग्या ताजा मीट मिलता है

एक और आया … बासी मीट बी बेच्चे करै तीन चार दिनां का

बोल्या ना रै भाई

फेर ताजा क्यों लिख राख्या … लोग शक करैंगे

ताजा हटा दिया रै ग्या … मीट मिलता है

एक और हस्ती आई … भाई दाल सब्जी बी बेचे करै ?

ना यार दिखता नाके

फेर मीट मिलता है क्यों लिख राख्या … लोग आंधे हैं के

पूरे बोरड पैए पोच्छा मारकै बैठ ग्या

फेर एक महान शख्श आया अर बोल्या … भाई इतनी बड़ी दुकान खोल कै बैठ ग्या … बोरड बी है इसपै इतना ना लिख सकता …

यंहा पर बकरे का ताजा मीट मिलता है … 😏😏😏

कसाई नै बकरे का सींग बगाकै मारया साले कै

Loading views...



एक ताऊ अपने पड़ोसी के घर से घी लाने गया
ताऊ–छोरा तेरी माँ ने पूछ थारे घी है के …..
छोरा–माँ घर घी है के ताऊ पूछ है……..
माँ–बेटा तेरे ताऊ न के दे की आपने तो रोटी चोपडन जोगा ही है…..
छोरा– ताऊ मेरी माँ कह की म्हारे तो रोटी चोपडन जोगा ही है….
ताऊ–तो तेरी माँ न कह दे की में के ढुंगा चोपडन खातर लेजा हूँ..

Loading views...

चौधरी से मेज़बान ने पूछा-
चौधरी जी क्या लेंगे आप, हलवा लाऊं या खीर??
चौधरी – घर में कटोरा एक ही है के??

Loading views...

एक डाब्बे पै छोटू चाय लेकै आया अर आंगली चाय के गिलास मैं डुबो रया था …

गाहक छोह मैं आ गया … अरै यो के है रै …

छोटू बोल्या … जी हमरा उंगली में चोट लगा था दर्द कर रहा था इसलिए गरम चाय में डुबो दिए आराम मिलता है …

गाहक का पारा हाई हो ग्या … साले अराम तांई मेरिए चाय पाई थी … आंगली अपणे चुतड़ां मैं दे लेंदा …

छोटू भोलेपण तै बोल्या … जी बाऊ जी वंही दिए थे पर आपका चाए लाणे के लिए निकालना पड़ा

Loading views...


पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “

Loading views...

प्लस टू का रिजल्ट आया …

बाब्बू गब्बर … छोरा कूण मैं खड़या

बाब्बू … कितने पेपर थे … टूंऊंऊंऊंऊं ( बैकग्रांउड सांउड )

छोरा … बाब्बू घणे थे …

… कितनैयां मैं फैल होया … टूंऊंऊंऊं

…. बाब्बू सप्ली आरी हैं

… याके सौदा है रै , पास होया …

… हां बाब्बू … ना बाब्बू … वा बाब्बू वा तो बाब्बू कलियर कर दयुंगा

… सुसरे सिधा पास क्यों ना होया अर फेर बी उल्टा आ ग्या खाली दमाग … अरे ओ भीरे की माँ कितना खरच होया इसपै इस साल … टूंऊंऊंऊं

… जी पूरे पैंतिस हजार

… सुण्या तन्नैं पूउउरे पैंतिस हजार अर या पैंतिस हजार ज्यांतै अक मेरा बेट्टा आई ए ऐस बणैगा मेरा नाम करैगा … अर तन्नैं मेरा नाम मिट्टी मैं मिला दिया … अब तेरा क्या होगा भीरे … टूंऊंऊंऊं

… बाब्बू न्यू तो खड़के का रामा भी फैल हो ग्या , बिंदर का लिल्लू बी फैल हो ग्या , रामधारी का गुल्लू बी फैल हो ग्या , बीरपाल का …

… आच्छया रै या बात है के चल फेर बरफ लिकाड़ कै ल्या फरीज मैं तै पैग लाण का टैम हो रया

Loading views...


आज पेपर था ग्रामीण बैंक का, बाहर चैकिंग करण आळा नै भीतर ना बड़ण दिया, मराबटा न्यूं बोल्या तेरी आधार कार्ड की फ़ोटो ना मिलती, भूंडी फ़ोटो है……. मखा आधार कार्ड में कोए भी टॉम क्रूज ना लाग्या करता…. ना मान्या मेरा सुसरा…. मखा जाऊं सूँ, याद राखिए भूखा मैं भी नहीं मरूं, हिसार के जाट कॉलेज आगै गोल गप्प्यां की रेहड़ी लाऊंगा अर तेरी छोरी मेरे ए धोरै आया करैगी पाणी के पतासे खाण 😜
.
खैर… घरां आया अर आकै अलमारी खोली जिसमें मेरे आज तक के भरे होड़ सारे फॉर्म थे..IIT तै लेकै MTS तक, कैलकुलेटर लेकै हिसाब लगाया तो बेरा पाट्या इन फार्मां कै पाछै घणे रपिये फूक दिए, इतणे में एक Bullet आ जाती अर विडम्बना देखो…. ईब साली नौकरी की उम्र भी जा ली 😂😂

Loading views...


दिमाग का किम्मे नहीं बेरा
काल सारा दिन इस बात प छोह उठ्या रहया
अक अंग्रेज़ इतणे साल आपणे देश प राज कर क्यूकर गए

Loading views...

भोलेनाथ: मांगो वत्स क्या चाहिए?
भक्त : मुझे पत्नी के साथ लड़ने की शक्ति दो। हिम्मत दो। बुद्धि दो प्रभु।
भोलेनाथ: इसको एक तरफ बैठाओ शायद भांग ज्यादा पी गया है

Loading views...

नाक अर होंठ के बीच की जगाह नै के कए करैं ?
.
.
मुच्छां की पार्किंग

Loading views...


हरयाणे का एक गिट्ठा सा छोरा दिल्ली बस मैं जा था भीड़ घणी थी खड़े नै धक्के लागैं थे उपर सहारे आले डंडे तंइ उसका हाथ ना पौंच्या … एक लाम्बा सा माणस खड़या था उसकी दाड्ढी पकड़ कै खड़या हो ग्या अराम तै …
उस बंदे नै सोच्ची गल्ती तै पकड़ रया है बोल्या :- जनाब आप मेरी दाढ़ी पकड़े खड़े हैं इसे छोड़ दीजिए …
म्हारे आला गिठ मुठिया बोल्या :- क्यों उतरणा है के

Loading views...


जन्नत में हाई अलर्ट … हूरे सिर्फ बहत्तर थी , पहुंच गए तीन सौ …
हर कौई अपनी अपनी बहत्तर मांग रहा है

Loading views...

हूं तो मैं बी एक आम से घर का बालक , बाब्बु नै प्लस टू करवादी … फेर मेरे सपने सरु होए अक ईब माँ बाब्बु तै राज कराउंगा , उनके सपने पूरे करुंगा …

फेर किसी नै बताई अक बेट्टे कोई कोरस करना जरूरी है … बाब्बु नैं हिम्मत करकै कोरस बी करवा दिया दो साल का … ईब मैं खुश था , अक आण दे वकैंसी …

माँ बाब्बु खात्तर शहर मैं नवा घर बनांउगा … एक बैठक गाम तै आण आले चाचा ताऊ अर यारां दोस्तां खात्तर बी बणाऊंगा … जड़ै मेरा बाब्बु होक्का ले कै सबके बीच शान से बैठ्या होगा ,

अर फेर एक कोई मेरे सपनों की राजकुमारी बी होगी जो अपने माँ बाब्बु तै या कवैगी अक … अब क्या प्रोबल्म है अब तो आप हमारी शादी करवादो वरना मैं मर जाउंगी …

पर यार सपने तो सपने होते हैं … मेरी जॉब की वेकैंसी आई … टोटल अट्ठारह … अर अप्लाई करण आले कैंडिडेट साड्डे तीन लाख ,

मतलब उन साड्डे तीन लाख दोस्तां के सपने बी मेरे जैसे होंगे जो मेरे आला कोरस कररे हैं …

मेरा नंबर तो लाग्गै यां नां पर भगवान जी मजे लेणे हो तो मेरे ले … मेरे सपने मतना तोड़ै , बेसक एक आध्धी हड्डी तोड़ दे …

Loading views...


एक जाट नै वकालत शुरु कर दी । पहला ही केस जमीन-जायदाद का मिल ग्या ।

कोर्ट में बहस के दौरान सामने वाली पार्टी की तरफ इशारा कर कै बोल्या — जज साहब, इसनै जमीन कोनी मिल सकती, यो तै गैलड़ सै ।

जज साहब की समझ में कुछ नही आया, बोल्या — वकील साहब ये, गैलड़ क्या होता है जरा समझाओ ।

वकील बोल्या — जी समझा तै दूँगा पर आप बुरा मान ज्याओगे ।

जज बोल्या — भाई समझाना तो पड़ेगा, नही तो केस आगे कैसे बढेगा ? जरा विस्तार से समझाओ ।

वकील बोल्या — सुण जज साहब । तेरा बाप मर ज्या अर तेरी माँ मेरे बाप गैल्यां आ-ज्या । फेर पाच्छै-पाच्छै तू भी आ ज्या, तै तू गैलड़ हो-ग्या अर मैं तन्नै चवन्नी भी ना लेवन दूँ आपणे घर तैं । कदे आजमाइश कर-कै देख लिए !!

Loading views...

भाइयोरभैणों डॉलर इक्कत्तर रुपइये का हो गया है … रुपइया गिर रहा है …
क्यों हुआ सोचा है किसी नें …
ये सब कांग्रेस की गल्ती है भाइयोरभैणौंओओओ …

उन्होने एक घटिया चाल चल के रुपए का सिक्का गोल बनाया … इसलिए रुपया लुड़क कर गिर जाता है …

लेकिन अब ऐसा नही होगा मितरोंओंओं … इस बार सिक्का बंदी होगी और हम चकोर सिक्के बनांएगे … जो ना लुड़केंगे ना गिरेंगे …

Loading views...

ल्यो भाई भजन सुण ल्यो आज।
राम राम तडके आली।

बीयर पीवैँ गरमिया म्ह
यार मेरे उल्लू के पट्ठे
पूरी पेटी ठा ल्यावैँ
100 100रपिये कर कैँ कट्ठे..
पीयाँ पाच्छै भुँडे बोलैँ
शर्म तार कैँ धर दे सैँ
फोन मिला कैढब्बण धोरै
LOUDSPEAKER On कर दे सैँ
बात करा दे बात करा दे
इसे बात प रोला हो ज्या
बोतल फोङैँ दही खँढादेँ
नया पजामा धोला हो ज्या
कितै कूण म्ह प्याज पङे
और कितै कूण म्ह दाल सै
DAILY रात नै कह कै सोवैँ
भाई आज पाच्छै टाल सै”

Loading views...