दो आदमियों की बीवीयाँ मेले में खो गईं जिसमे से एक हरियाणा से था और एक दिल्ली से l
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अपनी अपनी बीवी ढूंढते हुए वो आपस में मिले..!
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तुम्हारी वाली की पहचान? – हरियाणा वाले ने दिल्ली वाले से पूछा.
दिल्ली वाला बोला – 5’7″, गोरी, भूरी आँखें और पतली है, स्लीवलेस पिंक टीशर्ट और लाल मिनी स्कर्ट पहने है।😪
तुम्हारी की क्या पहचान है ?😌
हरियाणा वाला- मेरे आली कै मार गोली, चाल तेरी ढूंढेंगे

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सुसराड़ मैं पहली बार आया जमाई सांझ नै एकला ए गाम देखण लिकड़ पड़या …
चौक मै खड़े एक छोरे तै बुज्झण लाग्या :- ओ साले साब थारे गाम मैं देखण की के चीज है ,
साले साब सुण कै साला चिंगर कै बोल्या :- एके थी देखण आली चीज तो …
वा तूं ले गया .

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मैथ टीचर ने एक बच्चे से सवाल पूछा :- मान लो तुम्हारी भैंस ने दूध नही दिया और तुम्हे घर आए मेहमानों को चाय पिलानी है तो क्या करोगे … ?

बच्चा बोला … जी बजार से दूध ले आंउगा …

टीचर ( मुस्कुराते हुए ) :- वैरी गुड , अच्छा मान लो घर की भैंस का दूध पड़ता है बियालिस रुपये किलो , और बजार से मिलता है साड्डे बावन रुपये किलो … तुमने दूध लिया डेढ़ पाव , और दूध वाले नें उसमें पैंसठ ग्राम पानी मिला रखा था … तो बताओ तुम्हे कुल कितना नुक्सान हुआ … ?

जवाब ना देने पर मास्टर ने उस बच्चे को धूप में मुर्गा बना दिया …

अब दूसरे छात्र से वही सवाल पूछा …

छात्र बोला जी अपणे ताऊ के घर तै दूध लिआऊंगा …

टीचर बोला :- मान लो उनके घर भी दूध नही है तो …

छात्र :- जी पड़ोस आली चाची तै दूध मांग लूंगा …

टीचर चिढ़ के :- अगर उनके घर भी ना मिला तो …

छात्र :- मास्टर जी सारे गाम मैं हांड जाउंगा दूध मांगण खातर , ना मिलया तो मेहमाना तै नींबू पाणी प्या दूंगा … पर बजार तै मोल कोनी ल्यांऊ … मन्नैं धूप मैं मुर्गा ना बणना ..

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Me : भाई , प्यार हो गया मन्नै
:

Dost : भाई तू एड्रेस बोल ।

हम छोरी की जिंदगी बर्बाद नही होण दयांगे

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Q :- हरियाणा मैं सब तै जादा बर्फ कित पड़े करै ?
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Ans :- पैग मैं

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एक भाई एक तीस मंजिल बिल्डिंग की छत पै बैठ्या था …
जब्बे किसे नै आकै उसतै रुक्का दिया … औ परकासे तेरी बहू तेरे पड़ोसी राजबीर गैल्यां भाजगी …
दिल टूट ग्या माणस का अर घणी बेज्जती बी फील कर ग्या … बस दुख मैं उपर तै छाल मारदी ,
पच्चिसवीं मंजिल धौरै उसके ध्यान आई … अक मेरे पड़ोस मैं तो कोए राजबीर ना रैहता …
बीसवीं मंजिल पै दिमाग मैं आया अक रै मेरा तो ब्याह ए ना हो रया …
दसवीं मंजिल तक याद आया … ओ तेरी बेब्बे कै मेरा नाम तो सरेंदर है … या परकासा कौण है … ???
हट मेरे यार … तो मिसटर सरेंदर आपका समय समाप्त होता है … अब

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क्या आप जानते हैं … ?
कई मछलियां अंडे नही बच्चे देती हैं …
हाथी ढलान की तरफ तेज नही दौड़ सकता …
आप अपनी जीभ नीचे के दांतो से टच करके गर्लफ्रैंड नही बोल सकते …
बंदर कभी भी अप ……………. तूं गर्लफ्रैंड बोल ले प्हल्यां मैं तो ज्ञान बाद मैं बी दे ल्यूंगा

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चौधरी से मेज़बान ने पूछा-
चौधरी जी क्या लेंगे आप, हलवा लाऊं या खीर??
चौधरी – घर में कटोरा एक ही है के??

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पुलिस आला :- तन्नै चोरी करी अक ना ,
चोर :- ना करी …
पुलिस आले नै खैंच कै रैप्टा मारया :- ( पड़ाक ) के कवै ना करी ,
चोर :- जी करी थी …
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) के कवै करी थी ,
चोर :- जी और के कंऊऊऊऊ …
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) साले वा बी मैं बताऊं ,
चोर :- हे भगवान कित फस ग्या …
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) हरामजादे इसमैं भगवान कित तै आ ग्या …
चोर :- मैं तो भगवान नै याद करूं था या बी जुर्म है के …
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) साले मन्नै कानून सिखावैगा … बोलिए ,
चोर :- मैं बोलूंगा तूं फेर मारैगा …
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) अरै कुत्ते मैं मर्डर्र हूं के जो मार दूंगा … बोल ,
चोर :- ………………
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) बोल ईब ,
चोर :- ………………
पुलिस आला :- ( पड़ाक ) अरै कुछ तो बोल ,
चोर :- ……………..
पुलिस आला दूसरे पुलिस आले तै :- चाल भाई बलबीर चाय पीकै आंवैं हो लिया आज का कोट्टा पूरा … 😎😎😎
Moral of the story _ चोरी बेसक तै कर लियो पर म्हारी हरयाणा पुलिस तै मत फस जइओ

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हाय हाय रे मजबूरी …
या जाड्डा अर या दूरी ,
मन्नै कसम आज या खाई …

मेरा ब्याह जब तक ना हो जाता …
मैं ओढूंगा दो रजाई …

थम के सोच्चो थे अक मैं अपणा स्मयंवर रचण आला हूं तड़की … छोरेयां का ना होता याaaaर 😏😏

पर भाई क्लेश आला काम हो ग्या … कसम तो खा बैठया रै पतंदर गरमियां मैं के करैगा …

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छोरी किसी की बाइक पै पाच्छै बैठ कै जावै थी , उसकी मां नै देख लिआ … फोन करकै पुछण लागी … कित सै तूं …

छोरी बोली मां पेपर देण आरी हूं ,

मां नै प्यार तै समझाया … देख बेट्टी जे इन पेपरां का रिजल्ट आ गया तो टांग तोड़ दूंगी तेरी , याद राखिए …

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पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “

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इंटरयू देण गया था … सवाल बुझणिया बोल्या :- जावा के चार वर्सन बताइए … ?
मन्नैं खंखार कै गला साफ करया अर बोल्या :- हूंऊंऊंऊं मर जावा , मिट जावा , लुट जावा ओए सदके जावा … 😎😎😎

आगे तै कैहण लाग्या :- छोरे रै बोहत बढिया ,
इब तूं अपणे आप घर जावा या तन्नैं औढ़ै गेरण जावा … 😏😬😩

नौकरी तो ना मिली पर वा झकौई हरियाणवी सीख ग्या … 😂😆😜

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पड़ोसन भाब्भी रंगी पुती दोपहर मेरे आग्गै खड़ी होकै बोली … देख देवर रंग नी ला देगा मेरै … 😗

मखा भाब्बी लाऊं कित रंग कोई जंगाह बच इ ना रई … नहा कै आ एक बै पहल्यां …

मुंह बणा कै बोली … ईब आइए भाई की मोटरसैकल मांगण हुंह ,

फेर दो बजे उसके नहाए पाच्छै कोए आधा किलो गुलाल गैल्यां रंगदी … छोह मैं आण का दिखावा तो करै थी पर ईब भाई आली मैटरसैकल तो देदेगी काम पड़े पै दिक्खै ..

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आज फेर तेरी याद आरी , आज फेर ठेके पै जाउंगा ,
आज फेर नीदं मैं तेरा नाम ल्युंगा …
आज फेर लुगाई के मुक्के खाउंगा … 😢😢😭
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दारु की याद आरी गंदी सोच दारु की .

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बैंक खाते आधार तै लिंक करो …
रुक्के देंदा रै गया नरेंद्र मोदी ,
बैंक अफसरां तै लिंक करकै …
पीसे लेकै भाज गया नीरव मोदी ,

मोदी महिमा अपरम्पार …
एक मोदी चौकिदार … दो चोरी करकै फरार ,
ललित , नीरव दोनूं यार …
माल्या का बी बेड़ापार ,
गरिबो क्यां का झगड़ा … क्यां की तकरार ,

अबकी बार बी आण द्यो मोदी सरकार ,
देस मैं ना रैहण देणे ये चोर …
बचे होए बी भजा दयांगे बाहर ..

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