उपर आला ठाल्ली बेठ्या था एक दन … के करूं … के करूं …
उसके तो सोचने की देर थी ( बइ पावरफुल तो है ) सृष्टी रच दी … गोल गोल गेंद से ग्रह कोई इसके चक्कर काट रया कोए उसके अर जिसके सारे चक्कर काटरे वो बी चक्कर काट रया बेरा ना किसके …

इतना कन्फ्यूजन पर ना कोई लड़ाई ना झगड़ा ना दंगा ना फसाद ना ऐक्सिडैंट … मतलब मजेदार तो था पर कोए थ्रिल ना था … फेर बोरिंग सा माहौल हो ग्या थोड़े दन पाच्छै ( उसका एक दन बी करोड़ों साल का होए करै )

फेर उसनैं एक गेंद ( ग्रह ) चुनी उसपै पेड़ पौधे , जीव जंतू से बणा दिए … फेर कुछ दन जी सा लाग ग्या … पर मजे आली बात ना थी …

फेर उसनै बनाया इंसान …

अर उसके बाद आज तंई ढंग तै वा खुद बी ना सो पाया … जो उसनैं मान्नैं वा चौबिसों घंटे उसतै मांगे …
अर जो ना मानते वो … उसतै चैलेंज करदे रवैं … अक तूं है तो या करकै दिखा वा करकै दिखा …
अर जो बीच आले हैं … वे उसका नाम ले कै सारी दुनियां मैं नफरत फैलावें … देश , धर्म , रंग , नस्ल के नाम पै अर उसके बनाए इंसान तै उसी का नाम ले कै बेकूफ बणारे हैं अपणे सुख की खात्तर …
भाई मान जाओ … दुखी हो लिया वो ईब थारे लच्छना तै … रात बतावै था मेरे तै न्यू कवै था यार ईब तो या खेल खत्म करणा पड़ैगा घणा बेकार हो लिया ..



माँ का जन्मदिन है आज …
उस्नैं तो याद बी ना था … मन्नैं सोच्ची अक अपणी भोली माँ तै सरप्राइज द्युंगा आज … घरां जाकै सारे घरके कट्ठे कर लिए अर माँ तै बोल्या :- हैप्पी बर्थडे माँ … या केक पै मोमबत्ती जलाऊं हूं आप मोमबतियां कै फूंक मार कै केक काटो … अर और के गिफ्ट चइए आपनै …

माँ बोली :- रै तूं इस केक पै धर कै अपणा मोबाइल फूंक दे याए मेरा गिफ्ट सै ,

सबके स्यामी मेरा हैप्पी बर्डे कर दिया … खैर माँ तो माँ होती है

ट्रेन मैं एक मॉडर्न ख्याल की छोरी मेरे साथ टाइमपास खात्तर बातचीत कररी थी बात बात मैं बोली :- ये जो smoking करते हैं ना , I hate thos kind of men ,

मै बोल्या … सही बात है आपकी ऐसे लोग अपने साथ साथ आसपास वाले लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करते हैं … और आजकल तो लड़कियां भी सिगरेट शराब पीने लगी हैं पता नही समाज किस ओर जा रहा है …

जब्बे बिफरगी :- how dere you … आप कौन होते हैं औरत की पसंद नापसंद में दख़ल देने वाले , आप जैसे मनुवादियों की सोच ने औरतों को हजारों साल से गुलाम बना के रखा है …

आस पास के लोग मेरे कान्नी न्यु देखण लागगे जणो मन्नै छोरी छेड़ दी

हाऊ क्या होता है …???

एक छोरी अपणे तीन साल के भतीजे तै बहका कै उसके हाथ मैं पकड़ी टॉफी खागी …
अर बोली … अले लेले मुन्ना की टॉफी हाऊ ले ग्या … 😂😗

मुन्ना के ज्ञान चक्षू जब्बे खुलगे अक हाऊ चुड़ैल तै कए करैं


मेरी फेसबुक आली फोटू पै आज एक छोरी का कमैंट आया …

Nice pic , looking sooo handsome 😘

मैं भाज कै गया अर सिस्से मैं अपणा मुंह देख्या …

फेर मुंह धो कै मुंह देख्या …

फेर साबण गैल्यां मुंह धो कै मुंह देख्या …

फेर सिस्सा धो कै मुंह देख्या …

फेर जाकै जकीन आया अक या कमैंट आला यां तो पापा की परी है यां फेक आई डी आला कोए कंजर दोस्त …

छोरी नैं फेसबुक पै एक काटड़े की फोटो पोस्ट करी … हमारे मिल्कमैन की बफैलो ने एक मिन्नी सा बेबी दिया … Sooo cute ना 😘😋

अर उसके बाद रांडयां के रिप्लाई …

O god so cute कुच्ची कुच्ची कुच्ची … 💕

अती सुंदर , इसका नाम ब्लैकी रखिएगा प्लीईईईज

बेबी आप ऐसी जगह मत वीजिट किया करो , वंहा आपके फीट्स में बफैलो की शिट लग जाएगी यू नो … 😬😬

बेबी पार्टीईईईई


म्हारा एक दोस्त है लगभग अपणी करतुतां की वजह तै बेरोजगार है …
पर दारू का शौकीन है , कोए दोस्त फस ज्यो उदन उस पै तै दारू पी कै मानैगा बेसक अपणी बचपन की दोस्ती का वास्ता दे कै ब्लैक मेल करणा पड़िओ …

अर लाके तिन्न पैग बल्लिए … मेज पै हाथ मार कै बोलैगा :- ओए तेरे भाई पै बेसक पैसे की तंगी रवै है पर आज तंई किसी भैंचौ के पल्ले तै दारू कौनी पी … अर सुन कल आ जइए बेसक पाँच चार तटपूजिए ले कै फुल्ल पार्टी तेरा भाई करैगा … 😎😎😎

थारा बी कोए ऐसा दोस्त है के ..


हरियाणवी छोरा :- भाई घणी सुथरी छोरी है या अपणी जिंदगी मैं चइए … चइए मतबल चइए … 😎

दिल्ली आला दोस्त :- No dude she have already a boy friend … 😏

Haryanavi khaggad :- भाई गोल करण का मजा जब्बे आए करै जब कोई गोलकीपर गोल के स्यामी खड़या हो …

आज पेपर था ग्रामीण बैंक का, बाहर चैकिंग करण आळा नै भीतर ना बड़ण दिया, मराबटा न्यूं बोल्या तेरी आधार कार्ड की फ़ोटो ना मिलती, भूंडी फ़ोटो है……. मखा आधार कार्ड में कोए भी टॉम क्रूज ना लाग्या करता…. ना मान्या मेरा सुसरा…. मखा जाऊं सूँ, याद राखिए भूखा मैं भी नहीं मरूं, हिसार के जाट कॉलेज आगै गोल गप्प्यां की रेहड़ी लाऊंगा अर तेरी छोरी मेरे ए धोरै आया करैगी पाणी के पतासे खाण 😜
.
खैर… घरां आया अर आकै अलमारी खोली जिसमें मेरे आज तक के भरे होड़ सारे फॉर्म थे..IIT तै लेकै MTS तक, कैलकुलेटर लेकै हिसाब लगाया तो बेरा पाट्या इन फार्मां कै पाछै घणे रपिये फूक दिए, इतणे में एक Bullet आ जाती अर विडम्बना देखो…. ईब साली नौकरी की उम्र भी जा ली 😂😂

पत्नी :- मैं तो मेरे भाई के बहरे पण नैं डोब दी ना तूं मेरे पल्ले ना पड़दा … 😗

पति ( मजे लेंदा होया ) :- उसी मेरे साले नैं तो म्हारा रिस्ता कराया था … अर तूं तो कह्या करै अक वा तन्नैं घणा प्यार करै था तेरी सारी फरमैश पूरी करया करदा … 😎

पत्नी :- हां ठीक कहूं थी … पर एकबै मैं गाणा गांऊ थी …
भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना
अर उस बहरे नैं सुण लिआ …
भइया मेरे राखी पे बंदर को ले आणा …

फेर वा तन्नैं पसंद कर ल्याया मेरी खात्तर ..


छोरा दिल्ली आली छोरी तै :- यू लव मी ना … 😎

छोरी :- नो … 😗

छोरा :- प्लीईईईज बोल दे ना यू लव मी … 😍

छोरी :- आई से नो मीन्स नो … 😗

छोरा :- देख ले भाई तै नाट्टै है … ओ तेरी बेब्बे कै थु थु थु … सोरी सोरी


दुकान पै गया था अंडे लेण मखा कितने का एक है …

बैल्या भाई सात का …

मखा यार स्यामी दकाण आला तो पाँच का दे है …

चारौं कान्नी देख कै खड़या होकै मेरे कान मैं बोल्या …
भाई उसकी मुर्गी का करैक्टर खराब है …

Me : भाई , प्यार हो गया मन्नै
:

Dost : भाई तू एड्रेस बोल ।

हम छोरी की जिंदगी बर्बाद नही होण दयांगे


एक हरियाणवी 5 स्टार होटल में जाके वेटर से बोला, “चाय 🍵 लाओ..”

थोड़ी देर बाद वेटर ट्रे के साथ आया जिसमें गरम पानी, टी बैग, शुगर क्यूब और मिल्क पाउडर का पाउच था। ट्रे रख वो चला गया.!!

हरियाणवी ने जैसे-तैसे चाय बनाई और पी..!! 😒

कुछ देर बाद वेटर उसके पास आया और कहा, “और क्या लोगे साब..?”

हरियाणवी : वैसे तो पकोड़े खाने का जी करे था भाई, पर डर 😱 यूं लागे कि उसे तु मेरे सामने….

तेल, बेसन, नून मिर्च और कढ़ाई लाके न धर दे..!!

पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “

पैसा ही सब कुछ नही होता …

ये एक ऐसा झूठ है जो पैसेवाले गरीब तै बेवकूफ बणान खात्तर अर गरीब अपणें बालकां तै तसल्ली देण खात्तर सदियों तै बोल्दे आरे हैं ..