यूँ बार बार निहारती हो आईना, ख़ूबसूरती पे गुमान है.. या शक।
मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो .. मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.
Hotii Agar Mohabbat Baadal Kay Saye Kii Tarha, Meiin Tere Sheher Meiin Kabhii Dhoop Na Aaney Detii ..
कहता है इबादत करता हूँ पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है… मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते है…
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती.
~ Zindgi Chain Se Guzar Jaye Tu Agr Jehn Se Nikl Jaye .. ^
Maqam-E-Mohabbat Tum Ne Samjha Hi Nahin… Jahan Tak Tera Saath Wahin Tak Meri Zindagi ____!!
मन की मैं पौसो से गरीब हु, पर कोई माझे अपना बनाये तो उसके सारे गम खरीद सकता हूं
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