यूँ बार बार निहारती हो आईना, ख़ूबसूरती पे गुमान है.. या शक।
सिर्फ दिल ❤️ का हकदार बनाया था तुम्हें हद हो गई तुमने तो जान भी ले ली.
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे.. धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही
मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है, उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया..
वापिस लौट आया हवाओ का रुख मोड़ने वाला, दिल❤ मे उतर रहा है फ़िर कमबख्त दिल💔 तोड़ने वाला
वक़्त और प्यार दोनों ज़िन्दगी में ख़ास होते हैं .. वक़्त किसे का नहीं होता और प्यार हर किसी से Continue Reading..
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है
कहा था ना मैने “सोच लो तुम” जिन्दगी भर रिश्ते निभाना आसान नहीं होता..
यूँ तो मुझे झूठ से सख्त नफरत थी, लेकिन अच्छा लगता था जब वो मुझे “जान” कहा करती थी..
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