हाए रै गरमी …

म्हारे झोट्टे नैं छोह मैं आकै लिया जोड़िया तोड़ ,
भाज्या बिदक कै गाली देंदा बड़ गया भित्तर जोहड़ ,

बड़ गया भित्तर जोहड़ , बोल्या बाहर नी आंदा ,
ना तूं कदे नहावै … अर ना मन्नैं नुहांदा …


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