हाय हाय रे मजबूरी …
या जाड्डा अर या दूरी ,
मन्नै कसम आज या खाई …

मेरा ब्याह जब तक ना हो जाता …
मैं ओढूंगा दो रजाई …

थम के सोच्चो थे अक मैं अपणा स्मयंवर रचण आला हूं तड़की … छोरेयां का ना होता याaaaर 😏😏

पर भाई क्लेश आला काम हो ग्या … कसम तो खा बैठया रै पतंदर गरमियां मैं के करैगा …


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