पड़ोसन भाब्भी रंगी पुती दोपहर मेरे आग्गै खड़ी होकै बोली … देख देवर रंग नी ला देगा मेरै … 😗

मखा भाब्बी लाऊं कित रंग कोई जंगाह बच इ ना रई … नहा कै आ एक बै पहल्यां …

मुंह बणा कै बोली … ईब आइए भाई की मोटरसैकल मांगण हुंह ,

फेर दो बजे उसके नहाए पाच्छै कोए आधा किलो गुलाल गैल्यां रंगदी … छोह मैं आण का दिखावा तो करै थी पर ईब भाई आली मैटरसैकल तो देदेगी काम पड़े पै दिक्खै ..


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