8 दिन हो गए थे लगातार इनबॉक्स में हाय हेल्लो होते। किते ना किते उसका भी जी करे था मेरे त बात करण का अर किते ना किते मैं भी बाट देखू था उसके मैसज का सारी हाण। फेर के था नोम्मा दिन आ गया जुकर त उसका मैसज आया जमा गेला गेल मन्ने रिप्लाई करा मखा के ढंग स। वा भी स्माइली घणी भेजे थी बात कम करे थी। फेर बात इतनी बढ़ गी थी ईब अक भीतरले मैं कुलकली रहण लाग्गी जब तैई बात ना हो ले किसे काम का जी ना करे। फेर एक दिन उसने बुला ऐ लिया तडके तडक मिलण खातर। ईब तडके तडक मीठी मीठी ठण्ड। अर वा मेरे स्यामी। मेरा कसूता जी कर रया अक कोळी भर ल्यू अर जब तैई घाम ना लिकडे छोड्डूए ना। फेर वा न्यू बोल्ली मन्ने तेरे त कुछ कहणा है। मन्ने कान करा उसके होठां कहनी। आवाज आयी
र बेटीचो* के यो काटडू खुला गया सारी धार चूँघ गया। खड़ा हो ले चुतड़ा प घाम आ लिया। बाब्बू न सारे सपने की इसीतीसी करदी।


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