गुज़र रहा हूँ तेरे शहर से क्या कहूँ क्या गुज़र रही है.
तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया, लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया.
“मर्दाना कमजोरी” के इलाज पर रंगी हुई है शहरों की दीवारें… और लोग कहते हैं कि “औरतें कमज़ोर” हैं…
*हम तो आईना हैं, आईना ही रहेंगे फ़िक्र वो करें..!!* *जिनकी शक्लो में कुछ और और दिल में कुछ और Continue Reading..
Bicharna Jin Se Na mumkin Samjhta Tha Mujhe Un Say Mile Ab TO Zamany Beet GayE.
सिर्फ दिल ❤️ का हकदार बनाया था तुम्हें हद हो गई तुमने तो जान भी ले ली.
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम…. प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..
डब्बे मे डब्बा डब्बे मे ब्रश उसकी ठरकी ज़िंदगी है , हर हफ्ते नया क्रश
तेरी यादोँ के ‘नशे’ मेँ, अब ‘चूर’ हो रहा हूँ, लिखता हूँ ‘तुम्हेँ’ और, ‘मशहूर’ हो रहा हूँ.
Good morning
तेरि एक नजरकी बात है मेरि जिन्दगिका सवाल है ।
Good
Very Good
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *
Good morning
तेरि एक नजरकी बात है मेरि जिन्दगिका सवाल है ।
Good
Very Good